वक़्त के इर्दगिर्द घूमती
हमारी आस है ,
जो बजे सबके लिए
यह ऐसा साज़ है .....
कोई गुजरा वक़्त ,कभी
अपनी खट्टी -मीठी यादों से
गुदगुदा जाता है
कभी बन चादर
यादों को पसार जाता है
कभी अनजाना वक़्त
कई कल्पनाएँ जगा जाता है
कई सपने दिखा जाता है
ग़र, टूट गए सपने तो
उन्हें भी वक़्त का चोला
पहना दिया जाता है
और वक़्त के साथ
आगे बढ़ने को कहा जाता है
कहते हैं यही सभी
ये वक़्त ,वक़्त की बात है
हर वक़्त ,वक़्त नहीं देता साथ है
पर हम सबको
हर वक़्त , बस एक
अच्छे वक़्त की ही तो आस है
यह वक़्त ही तो
हम सबके जीवन का
अंत और आग़ाज़ है.............
हमारी आस है ,
जो बजे सबके लिए
यह ऐसा साज़ है .....
कोई गुजरा वक़्त ,कभी
अपनी खट्टी -मीठी यादों से
गुदगुदा जाता है
कभी बन चादर
यादों को पसार जाता है
कभी अनजाना वक़्त
कई कल्पनाएँ जगा जाता है
कई सपने दिखा जाता है
ग़र, टूट गए सपने तो
उन्हें भी वक़्त का चोला
पहना दिया जाता है
और वक़्त के साथ
आगे बढ़ने को कहा जाता है
कहते हैं यही सभी
ये वक़्त ,वक़्त की बात है
हर वक़्त ,वक़्त नहीं देता साथ है
पर हम सबको
हर वक़्त , बस एक
अच्छे वक़्त की ही तो आस है
यह वक़्त ही तो
हम सबके जीवन का
अंत और आग़ाज़ है.............
Very nice thought
ReplyDeleteExcellent yet so simply said.
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