आ गया एक और नया साल
फैलाएगा ये भी नयी
उम्मीदों और आशाओं का जाल
फिर से कुछ सपने बुने जायेंगे
कुछ टूटे सपने जोड़े जायेंगे
कभी निराश ,कभी हताश
कभी जोश से तैयार
नए मुकाम को पायेंगे.......
गुजरे पल
कभी हसाएंगे, कभी रुलायेंगे
कई हसीन लम्हें बनकर यादें
हमारे दिलों को सह्लायेंगे
गुजरे पल से बड़ा कोई सबक नहीं
वक़्त से बड़ा कोई मरहम नहीं
इन्हीं पलों को
समेटकर -सम्भाल कर
आगे बढ़ते जायेंगे
हम इस सुन्दर जीवन को
सदियों तक यूँ ही
जीये जायेंगे............
फैलाएगा ये भी नयी
उम्मीदों और आशाओं का जाल
फिर से कुछ सपने बुने जायेंगे
कुछ टूटे सपने जोड़े जायेंगे
कभी निराश ,कभी हताश
कभी जोश से तैयार
नए मुकाम को पायेंगे.......
गुजरे पल
कभी हसाएंगे, कभी रुलायेंगे
कई हसीन लम्हें बनकर यादें
हमारे दिलों को सह्लायेंगे
गुजरे पल से बड़ा कोई सबक नहीं
वक़्त से बड़ा कोई मरहम नहीं
इन्हीं पलों को
समेटकर -सम्भाल कर
आगे बढ़ते जायेंगे
हम इस सुन्दर जीवन को
सदियों तक यूँ ही
जीये जायेंगे............
सही है..........
ReplyDeleteहम इस सुन्दर जीवन को
ReplyDeleteसदियों तक यूँ ही
जीये जायेंगे...........
सच.
महाकवि विद्यापति कहने छथि :
' सखि हे ! मानव जनम अनूप '
कविता अच्छी लगी .
कीर्तिनाथ
thank you Mohan ji
Deletebahut khub !!!
ReplyDeletebhut khub !!!!
ReplyDeleteNew Year is like Ghalib ki Shayeri " Dhool chehare par thi aur ham aina saafa karte rahe " We all just keep wishing and making New Year resolutions for no effects but its own sake !!
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