कभी जाने से तेरे
इतना बुरा नहीं लगा
कर रहा था दिल
बस रोक लूँ , तुम्हें जरा
थाम लूँ तुम्हारा दामन
जी लूँ बस
तेरे साथ गुजारा हर लम्हा
फिर से दुबारा.....
जो तुमसे मिल रहा
संभाल उसे बस
यूँ ही पीती जाऊँ
घूँट घूँट
प्यार से , तसल्ली से
यूँ ही ,जीती जाऊँ....
कह भी नहीं सकती
रुक भी जाओ ना
कुछ पल ख़ुशियों के
और दे जाओ ना...
किसके रोके रुके हो तुम?
किसके कहने से झुके हो तुम?
तुम तो बस एक वक़्त हो
लम्हो, दिनों, महीनो से
साल मे बदलकर
बस चल देते हो
और दे जाते हो
यादों का अंबार
कहकर ये
मैं तो चला
अब तू अपनी
यादें संभाल.........
(2016 की याद मे )
Thi kahan itne din?
ReplyDeleteNice one again