यादों के सफ़र में,
सहर हो गयी,
ज़िन्दगी इस दरम्या,
कहर हो गयी ,
कितना भी चाहा,
न याद करूं तुम्हें,
पर तेरी यादें ही मेरी
हमसफ़र हो गयी.......
सहर हो गयी,
ज़िन्दगी इस दरम्या,
कहर हो गयी ,
कितना भी चाहा,
न याद करूं तुम्हें,
पर तेरी यादें ही मेरी
हमसफ़र हो गयी.......
Hi Annu ,
ReplyDeleteI see this lovely latent talent !
Please keep it up
धन्यवाद........मार्गदर्शन करते रहें.
DeleteOh! awesome anu!
ReplyDeletejeeyo mere yaar jeeyo!
ReplyDeletetoooooo gooood
ReplyDeletewah wah
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