Sunday, 3 December 2017

चूड़ियाँ

#चूड़ियाँ

चूड़ियों की तरह संभाला है यादों को
पहनती ,उतारती
 जतन से संभालती
कभी लाल,कभी पीली
कभी नीली, कभी हरी
रंगों में ढली हुई यादें
एक ,एक कर सब पहनती
छन छन छन छन!!
मीठी आवाज़ सी
सब मीठी यादों
खनकती एहसासों
को अपनी उँगलियों से सहलाती
मानो चूड़ियाँ नहीं
ये यादें नहीं
ये तुम हो तुम!
फिर पहनते ,उतारते
टूट जाती,चुभ जाती
कभी ये चूड़ियाँ
उसी विश्वास जैसे
उसी आस जैसे
छन से
और बिखर जाती
रंग बिरंगे टुकड़ो में
बस काँच सी
चुभन देती
यादों की....

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