क्या करती हो अकेले??
कई बार प्रश्न ये
लोगो के मैंने हैं झेले,
किसे समझाऊ?
किसे बताऊँ?
अकेली हूँ पर तन्हा नहीं ,
कल्पना मेरी संग सहेली ,
यादों के रंग से मैं
रचती अपनी हथेली,
ख्वाबों से सजाती
दिल का हर एक कोना
हर एक गली,
कभी बुझती,
कभी बुझाती
ज़िन्दगी की पहेली
इतना कुछ है करने को
फिर कैसे हुई मैं
अकेली??????
कई बार प्रश्न ये
लोगो के मैंने हैं झेले,
किसे समझाऊ?
किसे बताऊँ?
अकेली हूँ पर तन्हा नहीं ,
कल्पना मेरी संग सहेली ,
यादों के रंग से मैं
रचती अपनी हथेली,
ख्वाबों से सजाती
दिल का हर एक कोना
हर एक गली,
कभी बुझती,
कभी बुझाती
ज़िन्दगी की पहेली
इतना कुछ है करने को
फिर कैसे हुई मैं
अकेली??????
Akeli hoon par tanha nahi.........kya khoob
ReplyDeleteThis depicts the completeness in life that's totally fulfilled and so satisfied ! Excellent maa'm !
ReplyDeletebahut acha. kalpna ke sang kon hai akela? keep up the good work
ReplyDeletevery nice...
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