होती अगर
बदली सी यादें तो
घूम घूम घुमड़ घुमड़
बारिश बन बरस जाती
बरस कर फिर थम भी जाती।
होती गर चाँद सी
ये यादें
बस रहती, रहते अमावस के
पूनम के आते ही
कहीं गुम हो जाती।
होती गर फूल सी यादें
खिल ,मुरझा,झड़ जाती
सब बातों को
दफ़न कर जाती।
होती गर ओस सी यादें
गीली,नम होकर
सूख भी जाती
फिर न आती
पर यादें लगती मुझे
विशाल हिमखंड सी
जमी रहती है
कतरा कतरा
कतरा कतरा
पिघलती है
कतरा कतरा
पिघलती हैं........
बदली सी यादें तो
घूम घूम घुमड़ घुमड़
बारिश बन बरस जाती
बरस कर फिर थम भी जाती।
होती गर चाँद सी
ये यादें
बस रहती, रहते अमावस के
पूनम के आते ही
कहीं गुम हो जाती।
होती गर फूल सी यादें
खिल ,मुरझा,झड़ जाती
सब बातों को
दफ़न कर जाती।
होती गर ओस सी यादें
गीली,नम होकर
सूख भी जाती
फिर न आती
पर यादें लगती मुझे
विशाल हिमखंड सी
जमी रहती है
कतरा कतरा
कतरा कतरा
पिघलती है
कतरा कतरा
पिघलती हैं........
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