Sunday, 19 March 2017

क्या हो तुम

क्या हवा हो तुम
रहते हो मेरे आसपास
पर दिखते नहीं
या वो घटा हो
जो उमड़ती है
बरसती नहीं
खुश्बू हो क्या
जिसे छू नहीं सकती
पर रूह में बसा सकती हूँ
या वो पेड़ हो
जिसकी डालियों पर
झूल नहीं सकती
या कोई  बुरा ख्वाब
जिसे मैं देख नहीं सकती
या ऐसी कोई नज़्म हो तुम
जिसे मैं गा नहीं सकती
या हो तुम
कोई गीली लकड़ी
जिससे मैं सुलग
नहीं सकती
मेरे ऐसे ही कितने
उलझे सवाल का
जवाब हो तुम
  सुनो बस
एकबार बता दो न
की मेरे क्या हो तुम?

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