भारतीय संस्कृति का एक अहं
हिस्सा है चूड़ियाँ
रीत और परंपराओं का
किस्सा है चूड़ियाँ,
कवियों के श्रृंगार रस में
खनकती है चूड़ियाँ
मधुर लय ताल में
बजती है चूड़ियाँ,
सब रंगों में रंगकर
इंद्रधनुष से भी
सुन्दर लगती है चूड़ियाँ
नववधू का श्रृंगार बन
छनकती है चूड़ियाँ
एक जिम्मेदारी का एहसास
कराती है चूड़ियाँ
पूरब हो या पश्चिम
उत्तर हो या दक्षिण
परिधान कुछ भी हो
कलाईयों पर सबके सजती
है ये चूड़ियाँ
औरतों का प्यार है
ये चूड़ियाँ
प्रेम का मनुहार सा है
ये चूड़ियाँ
हिस्सा है चूड़ियाँ
रीत और परंपराओं का
किस्सा है चूड़ियाँ,
कवियों के श्रृंगार रस में
खनकती है चूड़ियाँ
मधुर लय ताल में
बजती है चूड़ियाँ,
सब रंगों में रंगकर
इंद्रधनुष से भी
सुन्दर लगती है चूड़ियाँ
नववधू का श्रृंगार बन
छनकती है चूड़ियाँ
एक जिम्मेदारी का एहसास
कराती है चूड़ियाँ
पूरब हो या पश्चिम
उत्तर हो या दक्षिण
परिधान कुछ भी हो
कलाईयों पर सबके सजती
है ये चूड़ियाँ
औरतों का प्यार है
ये चूड़ियाँ
प्रेम का मनुहार सा है
ये चूड़ियाँ
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