कभी नहीं भूल सकती
वो खूबसूरत एहसास
तेरी रेशम सी छुअन का
जब नन्हे नन्हे से हाथों ने
छुआ था मुझे पहली बार।
झंकृत कर गया था,
मेरे शरीर का एक एक तार।
बजा गया संगीत
ममत्व और वात्सल्य का
बस,तुम्हारी वो नन्ही सी
रेशम से भी रेशमी
छुअन करा गयी
एक पूर्णता का एहसास....
वो खूबसूरत एहसास
तेरी रेशम सी छुअन का
जब नन्हे नन्हे से हाथों ने
छुआ था मुझे पहली बार।
झंकृत कर गया था,
मेरे शरीर का एक एक तार।
बजा गया संगीत
ममत्व और वात्सल्य का
बस,तुम्हारी वो नन्ही सी
रेशम से भी रेशमी
छुअन करा गयी
एक पूर्णता का एहसास....
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