Thursday, 8 June 2017

किसान

एक जिज्ञासु बच्चे का सवाल
क्या होता है किसान?
क्या वो mall जहाँ से
हम लाते खाने का सामान?
क्या दूँ मैं किसान की परिभाषा?
पर खत्म भी करनी है
बच्चे की जिज्ञास
     क से किसान
हल का जिसके
कंधे पर है निशान
दिन रात धरती पर,जो मेहनत करता
कभी धूप, कभी पानी को तरसता
जो अन्न हमारा है उपजाता
वही है किसान कहलाता।
दिन भर कड़ी मेहनत,भी उसकी
कभी बाढ़ कभी सूखा में
खाक हो जाता।
पसीने से उसकी सूखी धरती
भी न पसीजती
बारिश की बूँदों को
सिर्फ आँखें ही नहीं
उसकी आत्मा भी तरसती।
कभी बाढ़ की मार वो सहता
संग आँसू उसके
फसल का सपना बहता।
फसल उगे जो सोने से
व्यापारी उनको सही मोल न देता।
कृषि प्रधान देश में
हमारा किसान अपने हक़ के लिए
लड़ता ,मरता है
आत्महत्या तक करता है
घर परिवार को क़र्ज़ में
डूबो कर जो छोड़ जाता है
दर दर जो ठोकरें खाता है
"योजनाओं" के अंतर्गत जिसका
नाम सबसे पहले आता है
मेरे बच्चे
इस देश में किसान
वही कहलाता है......





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