Monday, 15 May 2017

धमकी

आँखों को दे ही डाली धमकी आज
कहा उससे मैंने
मत आ तू झांसे में दिल के
तू आँख है,दिल नहीं!
दिल का दिमाग नहीं होता
उसके पास सब सवालों का
जवाब नहीं होता
काम तेरा देखना है
सपनो को उकेरना है
तू बेशक,भटक, मटक
पर इस दिल से न लटक
न बन दिल जैसा जज्बाती
न बना कमज़ोर मुझे
नहीं मैं सह पाती
दिल को कहते है दरिया
तू मत बन उसके
बहने का जरिया
तू बहता है तो मैं भी
संग तेरे बह जाती हूँ
कमज़ोर खुद को पाती हूँ
नहीं रहना मुझे अश्कों के संग
देखना मुझे आँखों से ,सतरंगी रंग
बस बहुत हो गया
कर ली दिल ने मनमानी
अब तुझे न रहने दूंगी संग उसके
ये है मैंने ठानी
अगर अब बरसा तू तो,देख ले
मेरी ये आखरी धमकी
अट्टी ,बट्टी तुझसे सौ बरस की कट्टी......


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