बुकमार्क सरीखी हो गयी है ज़िन्दगी
रखकर जो भूल गए हो तुम,मुझे
ज़िन्दगी की किताब में
हर बात तुम्हें याद दिलाने की आदत सी हो गयी है
तुम्हारी ख़ुशी, तुम्हारे गम सबकुछ
तुम्हे ही बताने की आदत सी हो गयी है
ज़िन्दगी मेरी बुकमार्क सी हो गयी है
पन्ना दर पन्ना तुम्हे पढ़ती रही
शब्दों को तेरे देखती रही
तुम्हें समझती रही
अधूरी कहानी की नायिका की तरह
बाट तुम्हारा संजोती रही
जानती हूँ
नहीं होता वजूद कोई बुकमार्क का
किसी कहानी किस्सो में
पर मैं बुकमार्क न जाने क्यूँ
तुम्हारी ज़िंदगी की किताब में
अपना वजूद ढूढ़ती रही
जहाँ पढ़ना छोड़ गए थे तुम
उसी पन्ने में
कहानी का अंत ढूंढती रही
अजीब सा रिश्ता तेरा मेरा
तू ज़िन्दगी की किताब
और मैं उस किताब की
बुकमार्क......
रखकर जो भूल गए हो तुम,मुझे
ज़िन्दगी की किताब में
हर बात तुम्हें याद दिलाने की आदत सी हो गयी है
तुम्हारी ख़ुशी, तुम्हारे गम सबकुछ
तुम्हे ही बताने की आदत सी हो गयी है
ज़िन्दगी मेरी बुकमार्क सी हो गयी है
पन्ना दर पन्ना तुम्हे पढ़ती रही
शब्दों को तेरे देखती रही
तुम्हें समझती रही
अधूरी कहानी की नायिका की तरह
बाट तुम्हारा संजोती रही
जानती हूँ
नहीं होता वजूद कोई बुकमार्क का
किसी कहानी किस्सो में
पर मैं बुकमार्क न जाने क्यूँ
तुम्हारी ज़िंदगी की किताब में
अपना वजूद ढूढ़ती रही
जहाँ पढ़ना छोड़ गए थे तुम
उसी पन्ने में
कहानी का अंत ढूंढती रही
अजीब सा रिश्ता तेरा मेरा
तू ज़िन्दगी की किताब
और मैं उस किताब की
बुकमार्क......
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