छत पर टहल रही हूँ
चाँद तारों की
गुफ़्तगू सुन रही हूँ
एक तारा जरा रूठा सा है
शायद अंदर से कुछ टूटा सा है
दर्द को अपने छुपा रहा है
दूसरे तारों के साथ मुस्कुरा रहा है
शायद बिछड़ गया है,अपने प्यार से
सुखी नहीं शायद अपने संसार से।
मुझे ऐसा लग रहा है
चाँद उसे कुछ समझा रहा है
कर ले दोस्ती अपने प्यार से
शायद ये बता रहा है,
हमसफ़र न सही,
हमदर्द मिल जायेगा
बाँट दुःख तकलीफ उससे
तू अपने दर्द से छुटकारा पायेगा
पर वो ज़िद्दी तारा
समझ नहीं पा रहा है
बाकी तारो के साथ
यूँ ही झूठमूठ मुस्कुरा रहा है.....
चाँद तारों की
गुफ़्तगू सुन रही हूँ
एक तारा जरा रूठा सा है
शायद अंदर से कुछ टूटा सा है
दर्द को अपने छुपा रहा है
दूसरे तारों के साथ मुस्कुरा रहा है
शायद बिछड़ गया है,अपने प्यार से
सुखी नहीं शायद अपने संसार से।
मुझे ऐसा लग रहा है
चाँद उसे कुछ समझा रहा है
कर ले दोस्ती अपने प्यार से
शायद ये बता रहा है,
हमसफ़र न सही,
हमदर्द मिल जायेगा
बाँट दुःख तकलीफ उससे
तू अपने दर्द से छुटकारा पायेगा
पर वो ज़िद्दी तारा
समझ नहीं पा रहा है
बाकी तारो के साथ
यूँ ही झूठमूठ मुस्कुरा रहा है.....
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