किस मुक्ति की बात करें हम
जब मन ही नहीं मुक्त ,इस संसार से
क्यूँ कर जाएँ काबा काशी
जब फंसा है मन
इस माया जाल में
खूबियों -खामियों से युक्त
कैसे हो ये मन मुक्त ?
जब तक ना होंगे उन्मुक्त हम
हो नहीं सकते मुक्त हम .........
जब मन ही नहीं मुक्त ,इस संसार से
क्यूँ कर जाएँ काबा काशी
जब फंसा है मन
इस माया जाल में
खूबियों -खामियों से युक्त
कैसे हो ये मन मुक्त ?
जब तक ना होंगे उन्मुक्त हम
हो नहीं सकते मुक्त हम .........