Wednesday 30 August 2017

मैं

मैं रामायण की व्यथा
महाभारत का प्रपंच भी मैं
मैं गीता ,कुरान
भगवद पुराण भी मैं

सीता ,सती का स्वाभिमान भी मैं
रावण का अभिमान भी मैं
द्रौपदी का दाँव भी मैं
कृष्ण का छाँव भी मैं!
दुर्योधन का अहं भी मैं
कर्ण की दुविधा भी मैं
शकुनि का लालच 
भीष्म की प्रतिज्ञा भी मैं

मैं ही हिमालय की शीतलता
रेगिस्तान की आग भी मैं
सागर का शोर 
नदियों की  निनाद भी मैं

सिंधु की सभ्यता भी मैं
तक्षशिला की प्रखरता भी मैं
नालंदा की विद्वता भी मैं
चाणक्य की पटुता  भी मैं

संस्कृत सा दुर्लभ
हिंदी की सुगमता भी मैं
असंख्य भाषाओं की किताब
जाति, वर्ग,भेद का हिसाब भी मैं

बुद्ध का बोध भी मैं
इसरो का शोध भी मैं
ऋषि मुनियों का ज्ञान भी मैं
विश्व का सुन्दरतम स्थान भी मैं
युगों से टूटते ,बिखरते 
आर्यावर्त का साक्ष्य भी मैं
प्रमाण भी मैं

 सदियों से देखता न्याय भी मैं
सहता अन्याय भी मैं
पर मजबूर,लाचार भी मैं

विभक्त भी मैं
कभी विभोर,वीभत्स भी मैं
सत्यम ,शिवम्,सुंदरम सा
जो बसता सबके दिल में
वो आप सब का हिंदुस्तान हूँ मैं

आपका भूत ,भविष्य,वर्तमान हूँ मैं
जैसा भी हूँ ,संभालो मुझको
पुरखों की धरोहर ,आन हूँ मैं
आपका अपना हिंदुस्तान हूँ मैं
आपका अपना हिंदुस्तान हूँ मैं......

Thursday 24 August 2017

शब्द और तुम

मैं तो यूँ ही शब्दों को लिखती हूँ
क्यूँ बीच में आ जाते हो तुम?
फ़ैल जाते हो कागजों पर
बन कर एहसास
दिखने लगते हो,
धड़कनो की लय में
बजने लगते हो।
तुम्हारा मौन,तुम्हारी चुप्पी
भी तो वाचाल हैं
कितनी कहानियाँ सुना जाती हैं
कानों में धीरे से
तुम्हारा दर्द गुनगुना जाती है
और फिर फ़ैल जाती है
कागज़ पर
मेरी लेखनी फिर कहाँ
संभाल पाती है!!


ख्वाहिशें

कहीं से भी आ जाती है ख्वाहिशें
कोई सा भी रूप ले लेती ख़्वाहिशें
कभी बन तितली
खूबसूरत मीठे पराग चुराती
शहद सी मीठी,ख्वाब दिखाती ख़्वाहिशें।
कभी बन पँछी
किसी भी ओर उड़ती
कभी इस डाल, कभी उस डाल
 बैठती ये ख़्वाहिशें।
ऊँचे पेड़ सी बढ़ जाती
फैलाती रहती हैं शाखाएँ अपनी
फैलती,फूलती,टूटती रहती
लगती पेड़ो सी ये ख़्वाहिशें।
बादलों सी हल्की- फुल्की
इधर-उधर घूमती
बिन आकार,बिन रूप संवरती
फिर कभी बरसती सी ये ख़्वाहिशें।
कभी सागर सी मचलती
कभी शांत नदी सी
पर निरंतर पानी सी बहती, ये ख़्वाहिशे।
कभी बिंदी बन,तारों सी सजती
कभी काजल सी फैलती
स्याह सी ये ख़्वाहिशें।
हर एक के आँखों में सजती
बचपन से बुढ़ापे तक मचलती
बनकर बोन्साई भी
हर दिल में उगती ये ख़्वाहिशें।

Friday 11 August 2017

तिरंगे की व्यथा

हर नुक्कड़ ,हर चौराहे पर
दिखने और बिकने लगा हूँ
देशभक्ति के गानों में
खुद को सुनने लगा हूँ।
Tv पर हो रहे चर्चे मेरे
देशभक्ति की बातों से है
अख़बारों के पन्ने भरे,
Social sites मे
लोगो की छवि के ऊपर
मैं छाने लगा हूँ
इन दिनों मैं भी
Viral होने लगा हूँ।

आती है याद मेरी,लोगों को
स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर
छलकता है प्यार,मुझे नुमाइश बनाकर
लोगो के बालों और गालों पर सजने लगा हूँ
और सामानों के साथ दिखने और बिकने लगा हूँ
आज के युग पटल पर
एक नुमाइश का सामान बनकर रह गया हूँ।

I love my India
कहकर बस जागती देशभक्ति
क्रिकेट के match में मैं
सबसे ज्यादा दिखने और बिकने लगा हूँ।

शहीदों के देह से
 लिपटकर जब मैं आता हूँ
रोता हूँ फिर भी
 खुद को स्वाभिमानी पाता हूँ
बहुत व्यथित होता हूँ मैं
रोड पर पड़ा जब
खुद को देखता हूँ
कभी पैरों से भी
कुचला जाता हूँ
कभी कचड़े में पाया जाता हूँ।

केसरिया और हरे रंग से मिलकर बना हूँ
फिर भी धर्म के विवादों से मैं नहीं घिरा हूँ।
रंगों के विवाद पर
नदियों के निनाद पर
होती राजनीति रोज़ देखता हूँ
देशभक्ति की आड़ में
नेताओ को खुद से छलते देखता हूँ।

मेरी बस एक गुजारिश सबसे
रखो जज्बा देशभक्ति का दिल से
बस हाथ में तिरंगा लेना काफी नहीं
अहमियत इसकी पूछो खुद से
देश के अंदर न रौंदो न जलाओ मुझे
नहीं सही जाती ये पीड़ा मुझसे
सात दशकों से देख रहा हूँ
अब मैं भी बुज़ुर्ग हो चला हूँ।

Friday 4 August 2017

Three words

You never believed in saying
Miraculous three words
But I feel it
With your every touch.
In your arms
I feel so safe
Nothing between Us is fake
Your eyes tells me
You are there for me
No matter ,what may come
You'll be there to stay,everyday
Looking after my small small needs
Tells the tale of all your deeds.
I admit
Some times I crave to hear
Three magical words I love you dear
But you say
Always for you dear
I Am THERE

You and me

I was lost in this world
You have found me
Have given directions,to my thoughts,
Have restored my faith
Have given me reason,to endure,to feel
You have the power
To prise a smile out of me
Even in the days when I feel blue
You have the power, to make me feel wanted
At times when I feel lost,in an ocean of familiar faces
You have the power to make me feel Unique and intelligent
Whenever I feel,I cannot live up to my expectations
You have the power,to give me Courage and Hope
When I no longer have the strength
To believe in my convictions
You My Love
Have given reasons to restore memories to smile
And above all
TO LIVE TO LOVE...